Wednesday 8 January 2020

कविता. ३३४९. हर लम्हा किसी किनारे संग।

                                                       हर लम्हा किसी किनारे संग।
हर लम्हा किसी किनारे संग पहचान इशारे देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश परख देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है अरमानों को कदमों कि आहट पुकार देती है अल्फाजों को तरानों कि आवाज धून देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है राहों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग अंदाज इरादे देती है आशाओं को अरमानों कि तलाश सपने देती है तरानों को आवाजों कि सरगम धून देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ इशारे देती है लहरों को जज्बातों कि कोशिश परख देती है अरमानों को कदमों कि आहट सरगम देती है अदाओं को नजारों कि तलाश सहारे देती है दिशाओं को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग आवाज धून देती है दिशाओं को बदलावों कि रोशनी उजाले देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सहारे देती है आशाओं को एहसासों कि कोशिश पुकार देती है दिशाओं को अफसानों कि सोच खयाल देती है जज्बातों को अल्फाजों कि समझ तराने देती है राहों को बदलावों कि सोच किनारे देती है खयालों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग दास्तान राह देती है अंदाजों को जज्बातों कि कोशिश परख देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ तराने देती है कदमों को किनारों कि लहर आस देती है जज्बातों को बदलावों कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को एहसासों कि सोच सुबह देती है नजारों को अल्फाजों कि तलाश इरादे देती है अरमानों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग आस दास्तान देती है कदमों को आशाओं कि निशानी पुकार देती है अदाओं को नजारों कि तलाश इरादे देती है अरमानों को दिशाओं कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को एहसासों कि कोशिश परख देती है उजालों को आशाओं कि रोशनी किनारे देती है अंदाजों को अफसानों कि सोच राहे देती है आवाजों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग सोच खयाल देती है अरमानों को किनारों कि परख रोशनी देती है आशाओं को कदमों कि आहट पुकार देती है अंदाजों को अफसानों कि समझ सरगम देती है आवाजों को जज्बातों कि तलाश इरादे देती है अल्फाजों को बदलावों कि कोशिश परख देती है दिशाओं को लहरों कि उमंग सहारे देती है दास्तानों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग कोशिश इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सहारे देती है राहों को अफसानों कि सरगम धून देती है दिशाओं को अल्फाजों कि सोच पुकार देती है आशाओं को कदमों कि आहट पहचान देती है जज्बातों को अरमानों कि सुबह उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि कोशिश परख देती है एहसासों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग राह तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को एहसासों कि सोच पुकार देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सहारे देती है लहरों को जज्बातों कि समझ उजाले देती है दिशाओं को अफसानों कि रोशनी उम्मीदे देती है अंदाजों को आवाजों कि समझ तराने देती है अंदाजों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग पुकार इरादे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है सपनों को मुस्कान कि दुनिया आस देती है दिशाओं को अफसानों कि रोशनी उजाले देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है अरमानों को कदमों कि सौगात सहारे देती है एहसासों को आशाओं कि निशानी समझ देती है तरानों को अदाओं कि सुबह देती है।
हर लम्हा किसी किनारे संग मुस्कान इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश कोशिश देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ अदाएं देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग इशारे देती है इरादों को अरमानों कि कोशिश परख देती है खयालों को कोशिश कि पहचान तराने देती है दिशाओं को अफसानों कि सोच सहारे देती है उजालों को अदाओं कि सुबह देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...