Friday 10 January 2020

कविता. ३३५४. कोशिश को मन के दायरों कि।

                                                    कोशिश को मन के दायरों कि।
कोशिश को मन के दायरों कि उम्मीद ढूंढनी होती है तरानों को अरमानों कि तलाश पुकार देती है दिशाओं को जज्बातों से जुडने कि जरुरत आस देती है खयालों को बदलावों कि तलाश इरादे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सुबह उजाले देती है रोशनी को उम्मीदों कि निशानी समझ देती है दास्तानों को अफसानों कि उमंग इशारे देती है दिशाओं को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि समझ ढूंढनी होती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है राहों को बदलावों कि पहचान इशारे देती है तरानों को अरमानों कि समझ खयाल देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम पुकार देती है किनारों को लहरों कि परख आस देती है अंदाजों को अफसानों कि सोच सहारे देती है अल्फाजों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि पुकार ढूंढनी होती है आशाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ आस देती है अदाओं को नजारों कि सौगात इशारे देती है आवाजों को तरानों कि तलाश पहचान देती है आशाओं को कदमों कि आहट परख देती है अंदाजों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि सोच ढूंढनी होती है तरानों को आवाजों कि समझ इशारे देती है दिशाओं को बदलावों कि पहचान तराने देती है आशाओं को सरगम कि सोच पुकार देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सहारे देती है किनारों को जज्बातों कि परख खयाल देती है अंदाजों को अफसानों कि समझ रोशनी देती है नजारों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि उम्मीद ढूंढनी होती है नजारों को अंदाजों कि सोच सपने देती है उजालों को आशाओं कि निशानी सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि परख सहारे देती है तरानों को जज्बातों कि आस लहर देती है कदमों को तरानों कि सोच सरगम देती है अदाओं को तरानों कि सोच पुकार देती है अफसानों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि उमंग ढूंढनी होती है दास्तानों को अफसानों कि समझ सुबह देती है राहों को अंदाजों कि कोशिश परख देती है आवाजों को जज्बातों कि समझ सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है राहों को अल्फाजों कि कोशिश देती है दिशाओं को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि समझ ढूंढनी होती है इशारों को अरमानों कि तलाश सहारे देती है खयालों को बदलावों कि सोच किनारे देती है अंदाजों को नजारों कि परख सहारे देती है आशाओं को कदमों कि आहट सरगम देती है दिशाओं को जज्बातों कि तलाश इरादे देती है जज्बातों को लहरों कि आहट सपने देती है अदाओं को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि उम्मीद ढूंढनी होती है इरादों को दास्तानों कि परख तराने देती है आवाजों को पुकार कि सौगात इरादे देती है जज्बातों को अरमानों कि सोच सुबह देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है अरमानों को कदमों कि आहट सरगम देती है किनारों को खयालों कि परख सहारे देती है अफसानों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि उमंग ढूंढनी होती है तरानों को आवाजों कि पहचान इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि समझ तराने देती है किनारों को सपनों कि आस इरादे देती है आशाओं को कदमों कि आहट सुबह देती है उजालों को आशाओं कि निशानी अरमान देती है अफसानों को राहों कि तलाश इरादे देती है एहसासों को लहरों कि तलाश देती है।
कोशिश को मन के दायरों कि पहचान ढूंढनी होती है आशाओं को कदमों कि सौगात सहारे देती है लहरों को बदलावों कि सोच इशारे देती है नजारों को अंदाजों कि समझ आस देती है सपनों को रोशनी कि समझ तराने देती है दिशाओं को अफसानों कि परख इरादे देती है अरमानों को कदमों कि सौगात सहारे देती है अंदाजों को लहरों कि तलाश देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...