Thursday, 16 January 2020

कविता. ३३६५. हर खयाल को लम्हों से।

                                                          हर खयाल को लम्हों से।
हर खयाल को लम्हों से समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन के किस्सों को आशाओं से जोडती रहती है हर पल किसी राह कि सरगम एहसासों से मिलती है हर पल दिशाओं से जुडने कि कोशिश को खयालों कि सुबह देती है दास्तानों को अरमानों कि सौगात किनारे देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है लहरों को बदलावों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से जुडने कि जरुरत होती है जो आस के इशारों को अरमानों मे परख लेती है तरानों को किसी पुकार कि सौगात आशाओं से मिलती है हर मोड अंदाजों से जुडने कि उम्मीद को अदाओं कि सरगम देती है तरानों को जज्बातों कि सोच इशारे देती है लहरों को बदलावों कि कोशिश पहचान देती है दास्तानों को अफसानों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से उलझने कि जरुरत होती है जो राह के कदमों को अफसानों मे समझ लेती है किनारों को किसी लहर कि कहानी उजालों से मिलती है हर आस आशाओं से जुडने कि तलाश को इरादों कि सुबह देती है दिशाओं को अफसानों कि उमंग तराने देती है अरमानों को कदमों कि सौगात सहारे देती है दिशाओं को दास्तानों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से परखने कि जरुरत होती है जो अंदाजों के तरानों को खयालों से जोडती रहती है नजारों को किसी परख कि कोशिश सरगम से मिलती है हर राह किनारों से जुडने कि उमंग को दिशाओं कि समझ देती है एहसासों को किनारों कि लहर अदाएं देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ लहरे देती है अरमानों को कदमों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से समझ लेने कि जरुरत होती है जो धाराओं के एहसासों को जज्बातों से जोडती है आवाजों को किसी आस कि उम्मीद तराने से मिलती है हर उमंग खयालों से जुडने कि आस को नजारों कि परख देती है अल्फाजों को राहों कि जरुरत राह देती है दास्तानों को नजारों कि तलाश इरादे देती है अंदाजों को जज्बातों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से जुडने कि जरुरत होती है जो आवाजों के तरानों को आशाओं से जोडती है किनारों को किसी राह को किसी अंदाज कि तलाश इरादे से मिलती है हर रोशनी उजालों से जुडने कि उम्मीद को दिशाओं कि पहचान देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है जज्बातों को अरमानों कि समझ राहे देती है अदाओं को नजारों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से उलझने कि जरुरत होती है जो आशाओं के लहरों को बदलावों से जोडती है दास्तानों को किसी अदा को किसी तराने कि कोशिश परख से मिलती है हर आस उम्मीदों से जुडने कि आवाज को कदमों कि आहट देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी सहारे देती है दास्तानों को लहरों कि पुकार देती है।
हर खयाल को लम्हों से परख लेने कि जरुरत होती है जो अरमानों के जज्बातों को दिशाओं से जोडती है किनारों को किसी अंदाज को किसी पल कि पहचान नजारे से मिलती है हर राह उजालों से जुडने कि उम्मीद को अदाओं कि सुबह देती है अफसानों को राहों कि सौगात इशारे देती है अदाओं को लहरों कि उमंग इशारे देती है सोच को इरादों कि पुकार देती है।
हर खयाल को से लम्हों से समझ लेने कि जरुरत होती है जो जज्बातों के अदाओं को अरमानों से जोडती है तरानों को किसी कहानी को किसी इशारे कि निशानी इरादे से मिलती है हर सोच खयालों से जुडने कि आस देती है लहरों को बदलावों कि कोशिश परख देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच परख देती है कदमों को आशाओं कि पुकार देती है।
हर खयाल को से लम्हों से उलझने कि जरुरत होती है जो अरमानों के किनारों को लहरों से जोडती है आवाजों को किसी जज्बात को किसी परख कि पहचान कोशिश से मिलती है हर रोशनी आशाओं से जुडने कि उमंग देती है कदमों को अफसानों कि उम्मीद उमंग देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि सुबह उजाले देती है राहों को किनारों कि पुकार देती है।

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