Sunday 12 January 2020

कविता. ३३५८. दिशाओं से पूछा तो।

                                                             दिशाओं से पूछा तो।
दिशाओं से पूछा तो अरमानों कि कहानी सुनाती है आशाओं को कदमों कि सरगम धून कि रोशनी दिखाती है लहरों को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है अरमानों को दास्तानों कि परख तराने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है कदमों को आशाओं कि सुबह रोशनी देती है अफसानों को किनारों कि लहर इशारे देती है जज्बातों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो कदमों कि आहट सुनाती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे संग पहचान दिलाती है कोशिश को लम्हों कि सुबह उजाले देती है परख को अफसानों कि रोशनी सहारे देती है आशाओं को दिशाओं कि सोच किनारे देती है लहरों को बदलावों कि आस तलाश देती है अल्फाजों को जज्बातों कि आहट तलाश देती है अदाओं को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो आवाजों कि कोशिश सुनाती है तरानों को जज्बातों कि समझ दास्तान कि पुकार देती है कदमों को अफसानों कि सोच किनारे देती है दिशाओं को अंदाजों कि सुबह उम्मीदे देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है आशाओं को कदमों कि सौगात अफसाने देती है अंदाजों को नजारों कि सोच उम्मीदे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो अदाओं कि पहचान सुनाती है अदाओं को किनारों कि लहर अफसाने कि रोशनी देती है राहों को अल्फाजों कि सुबह उम्मीदे देती है दास्तानों को कदमों कि आहट पुकार देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अफसानों को दास्तानों कि परख आवाज देती है लहरों को बदलावों कि कोशिश राहे देती है नजारों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो मुस्कान कि आहट सुनाती है राहों को बदलावों कि दास्तान तलाश कि सोच देती है तरानों को अरमानों कि कोशिश परख देती है अफसानों को जज्बातों कि सुबह उजाले देती है कदमों को आशाओं कि निशानी एहसास देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है राहों को किनारों कि सोच दास्ताने देती है खयालों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो अरमानों कि समझ सुनाती है दास्तानों को लहरों कि पुकार जज्बातों कि कोशिश देती है आवाजों को खयालों कि परख इरादे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी अदाएं देती है किनारों को लहरों कि उमंग इशारे देती है आशाओं को दिशाओं कि सुबह इशारे देती है नजारों को अफसानों कि तलाश इरादे देती है राहों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो जज्बातों कि सोच सुनाती है कदमों को आशाओं कि लहर सपने देती है किनारों को जज्बातों कि सोच तराने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अरमान देती है अंदाजों को अफसानों कि सुबह रोशनी देती है कदमों को पहचान कि तलाश इरादे देती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी उजाले देती है अंदाजों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो अंदाजों कि कोशिश सुनाती है किनारों को अरमानों कि तलाश इरादे देती है दिशाओं को अफसानों कि रोशनी उजाले देती है अरमानों को सपनों कि सुबह उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि कोशिश सरगम देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच उम्मीदे देती है आशाओं को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो आवाजों कि धून सुनाती है आशाओं को कदमों कि आहट परख देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच उमंग देती है दिशाओं को उजालों कि रोशनी राहे देती है तरानों को आवाजों कि धून एहसास देती है किनारों को अफसानों कि तलाश सुबह देती है दिशाओं को अरमानों कि सरगम पुकार देती है दास्तानों को अल्फाजों कि आस देती है।
दिशाओं से पूछा तो आशाओं कि निशानी सुनाती है जज्बातों को अल्फाजों कि निशानी उजाले देती है आवाजों को खयालों कि अदाएं रोशनी देती है तरानों को अरमानों कि सरगम धून देती है कदमों को नजारों कि पुकार देती है अंदाजों को दास्तानों कि समझ पहचान देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश अफसाने देती है तरानों को अल्फाजों कि आस देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...