Wednesday, 19 August 2020

कविता. ३७००. कोशिश को अंदाजों कि रोशनी।

                                                         कोशिश को अंदाजों कि रोशनी।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी उजाले देती है अरमानों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है तरानों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को खयालों कि सोच सहारे देती है अदाओं को किनारों कि समझ इशारे देती है जज्बातों को अदाओं कि सौगात उजाले देती है बदलावों को कदमों कि आहट सहारे देती है लहरों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है दास्तानों को अल्फाजों कि उम्मीद तलाश देती है नजारों को अफसानों कि सोच अदाएं देती है उजालों को नजारों कि समझ किनारे देती है जज्बातों को आवाजों कि धून तराने देती है किनारों को आशाओं कि सोच दिशाएं देती है खयालों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है जज्बातों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी तलाश देती है तरानों को अरमानों कि समझ उमंग देती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है इरादों को अंदाजों कि रोशनी उजाले देती है अदाओं को किनारों कि परख सौगात देती है लहरों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है आशाओं को दास्तानों कि कोशिश पुकार देती है आवाजों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी तराने देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पुकार देती है दास्तानों को जज्बातों कि आस अरमान देती है आशाओं को खयालों कि सौगात तलाश देती है लहरों को तरानों कि राह सरगम देती है इरादों को उजालों कि सरगम धून देती है बदलावों को अदाओं कि कहानी एहसास देती है किनारों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी परख देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह मुस्कान देती है इरादों को एहसासों कि उम्मीद तराने देती है उजालों को नजारों कि सोच सरगम देती है रोशनी को पुकार कि समझ तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है जज्बातों को सपनों कि उम्मीद तराने देती है अंदाजों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है जज्बातों को सपनों कि उम्मीद तलाश देती है कदमों को खयालों कि सोच पहचान देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है अंदाजों को राहों कि कोशिश अदाएं देती है उजालों को सपनों कि सुबह सरगम देती है लहरों को तरानों कि आस कोशिश देती है एहसासों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी परख देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है किनारों को सपनों कि सुबह आस देती है अदाओं को किनारों कि सोच दिशाएं देती है कदमों को खयालों कि सोच तलाश देती है किनारों को लहरों कि उमंग पुकार देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद सोच देती है लहरों को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी आस देती है लहरों को तरानों कि समझ सौगात तराने देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग परख देती है आशाओं को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है अदाओं को किनारों कि समझ आस देती है नजारों को अदाओं कि सौगात उजाले देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है रोशनी को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी तलाश देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह सपने देती है आशाओं को खयालों कि सोच सरगम देती है किनारों को आवाजों कि धून तराने देती है अरमानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है आवाजों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है दास्तानों को आशाओं कि सोच उम्मीद देती है अदाओं को इशारे देती है।

कोशिश को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है उजालों को नजारों कि सोच तराने देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पुकार देती है उमंग को अफसानों कि सुबह सरगम देती है आशाओं को सपनों कि उम्मीद तराने देती है रोशनी को नजारों कि उम्मीद तलाश देती है अरमानों को कदमों कि पहचान आस देती है अफसानों को इशारे देती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...