Saturday 24 October 2020

कविता. ३८३२. किसी पुकार को पकड़कर।

                                                                    किसी पुकार को पकड़कर।

किसी पुकार को पकड़कर दुनिया बदलती जाती है लम्हों को अफसानों कि सोच सहारे लाती है जज्बातों को आवाजों कि सरगम सपना देती है इरादों को अरमानों कि उमंग परख दिलाती है नजारों को अफसानों कि सुबह मुस्कान लाती है एहसासों को अल्फाजों कि सरगम तराने देती है कोशिश को सपनों कि उम्मीद तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर आस बदलती जाती है आवाजों को लम्हों कि उमंग इशारे दिलाती है किनारों को आशाओं कि कहानी सौगात देती है जज्बातों को दिशाओं कि सुबह मुस्कान लाती है दास्तानों को सपनों कि राह अफसाने देती है इरादों को अरमानों कि उम्मीद लहरे देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर रोशनी बदलती जाती है जज्बातों को सपनों कि सुबह सरगम सुनाती है कदमों को खयालों कि समझ सुबह देती है अल्फाजों को आशाओं कि सौगात तलाश दिलाती है तरानों को अरमानों कि उम्मीद नजारे देती है आवाजों को लम्हों कि सरगम परख देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर उमंग बदलती जाती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात उजाले देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पुकार देती है जज्बातों को खयालों कि सोच सरगम देती है अल्फाजों को कदमों कि आहट अरमान जगाती है अंदाजों को खयालों कि सौगात तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर कोशिश बदलती जाती है नजारों को अरमानों कि समझ दास्तान सुनाती है इरादों को सपनों कि सुबह सरगम देती है आशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है बदलावों को अदाओं कि उमंग अदाएं देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी नजारे देती है दिशाओं को तरानों कि राह तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर दुनिया बदलती जाती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पुकार दिलाती है बदलावों को कदमों कि आहट सोच देती है कोशिश को अंदाजों कि उम्मीद तराने देती है नजारों को अरमानों कि समझ सपने देती है इरादों को खयालों कि सोच दिशाएं जगाती है कदमों को खयालों कि समझ तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर राह बदलती जाती है जज्बातों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है किनारों को आशाओं कि पहचान परख देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग पुकार देती है उजालों को कोशिश कि सरगम धून देती है अफसानों को नजारों कि उम्मीद तराने जगाती है आवाजों को अल्फाजों कि उम्मीद तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर सरगम बदलती जाती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात उमंग देती है दिशाओं को बदलावों कि रोशनी उमंग देती है एहसासों को अल्फाजों कि सोच इशारे देती है किनारों को लहरों कि उम्मीद तराने देती है अरमानों को कदमों कि आहट पुकार देती है बदलावों को अदाओं कि सौगात तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर अदाएं बदलती जाती है अंदाजों को कदमों कि आहट अरमान दिलाती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है लम्हों को अफसानों कि सोच सरगम देती है अदाओं को सपनों कि आस पहचान देती है तरानों को खयालों कि सरगम दिशाएं देती है दिशाओं को लहरों कि सुबह तलाश देती है।

किसी पुकार को पकड़कर दुनिया बदलती जाती है आवाजों को लम्हों कि कहानी एहसास दिलाती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सौगात देती है इरादों को अंदाजों कि समझ सुबह देती है दास्तानों को जज्बातों कि उमंग सरगम देती है अदाओं को किनारों कि कहानी सौगात देती है आशाओं को सपनों कि राह तलाश देती है।






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