Sunday 29 March 2020

कविता. ३४१२. हर बार किसी आहट से कोई।

                                                   हर बार किसी आहट से कोई।
हर बार किसी आहट से कोई उम्मीद उजागर होती है लम्हों को अल्फाजों कि सोच अरमान देती है सपनों को मुस्कान कि अदाएं परख देती है कोशिश को जज्बातों कि समझ अरमान देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात सहारे देती है आशाओं को किनारों कि लहर सोच देती है अंदाजों को लम्हों कि पहचान अदाएं देती है जज्बातों को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई उमंग उजागर होती है कदमों को आशाओं कि मेहफिल तराने देती है दिशाओं को अरमानों कि कोशिश आस देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग उम्मीदे देती है दिशाओं को बदलावों कि आस रोशनी देती है कदमों को आशाओं कि मेहफिल पुकार देती है सपनों को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई लहर उजागर होती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है सुबह को उजालों कि तलाश रोशनी देती है दिशाओं को बदलावों कि आस पहचान देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश इशारे देती है अरमानों को खयालों कि सुबह उम्मीदे देती है इशारों को जज्बातों कि तलाश अरमान देती है दिशाओं को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई आस उजागर होती है जज्बातों को खयालों कि सुबह उम्मीदे देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग इशारे देती है आशाओं को तरानों कि पुकार सहारे देती है राहों को अरमानों कि कोशिश समझ देती है दिशाओं को बदलावों कि परख खयाल देती है किनारों को अफसानों कि सोच समझ देती है दास्तानों को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई समझ उजागर होती है राहों को अरमानों कि कोशिश परख देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच इरादे देती है कदमों को अफसानों कि सोच तराने देती है लहरों को अरमानों कि समझ दिशाएं देती है आशाओं को जज्बातों कि समझ सरगम देती है नजारों को खयालों कि सुबह उम्मीदे देती है अदाओं को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई कोशिश उजागर होती है दिशाओं को बदलावों कि आस समझ देती है जज्बातों को तरानों कि पुकार आवाज देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग इशारे देती है आशाओं को तरानों कि पुकार सहारे देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सुबह देती है कदमों को अरमानों कि समझ किनारे देती है अंदाजों को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई तलाश उजागर होती है अंदाजों को लहरों कि सरगम धून देती है अंदाजों को अरमानों कि कोशिश परख देती है दिशाओं को जज्बातों कि समझ सहारे देती है कदमों को अल्फाजों कि सोच खयाल देती है नजारों को दास्तानों कि परख समझ देती है आशाओं को तरानों कि सोच सरगम देती है आशाओं को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई आवाज उजागर होती है तरानों को जज्बातों कि सोच इशारे देती है कदमों को अफसानों कि समझ सुबह देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच इरादे देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम सहारे देती है आवाजों को जज्बातों कि समझ मुस्कान देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग सपने देती है दिशाओं को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई खयाल उजागर होती है दास्तानों को खयालों कि सुबह उजाले देती है नजारों को अंदाजों कि सोच अरमान देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अदाओं को लहरों कि उमंग अरमान देती है अंदाजों को अफसानों कि पहचान तराने देती है आवाजों को कदमों कि सौगात देती है।
हर बार किसी आहट से कोई उम्मीद उजागर होती है दिशाओं को बदलावों कि आस राह देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग अफसाने देती है राहों को अफसानों कि आस समझ देती है कदमों को आशाओं कि मेहफिल पुकार देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है कोशिश को मुस्कान कि दुनिया उम्मीदे देती है दास्तानों को कदमों कि सौगात देती है।

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