Monday 2 March 2020

कविता. ३३५८. राहों को उम्मीदों कि सुबह।

                                                राहों को उम्मीदों कि सुबह।
राहों को उम्मीदों कि सुबह इशारे देती है जज्बातों को सपनों कि तलाश अफसाने देती है अरमानों कि किनारों पर आवाज कि सरगम पहचान देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह सपने देती है नजारों को अल्फाजों कि आस तलाश देती है आशाओं को किनारों कि लहर परख देती है अंदाजों को अरमानों कि कोशिश पहचान के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ आस देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अहमियत देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच पहचान देती है कदमों को आशाओं कि मेहफिल सपने देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह उजाले देती है तरानों को आवाजों कि पुकार सहारे देती है आशाओं को जज्बातों कि सोच परख देती है दिशाओं को लहरों कि उमंग इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अरमान देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ सहारे देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच इशारे देती है नजारों को अफसानों कि सोच के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह दास्ताने देती है नजारों को अफसानों कि सोच समझ देती है दास्तानों को अल्फाजों कि तलाश तराने देती है आशाओं को जज्बातों कि मुस्कान कोशिश देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच समझ देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है इरादों को नजारों कि तलाश एहसासों कि रोशनी के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह अफसाने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश परख देती है अफसानों को सपनों कि सुबह रोशनी देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है अरमानों को खयालों कि सौगात इशारे देती है आशाओं को दिशाओं कि लहर नजारे देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच आशाओं कि मेहफिल के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह रोशनी देती है अरमानों को खयालों कि कोशिश इशारे देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ तराने देती है अंदाजों को अफसानों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को तरानों कि पुकार सहारे देती है आवाजों को जज्बातों कि तलाश दास्ताने देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम आवाजों कि सोच के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ पुकार देती है अंदाजों को जज्बातों कि कोशिश पहचान देती है किनारों को तरानों कि पुकार आवाज देती है अदाओं को आशाओं कि सुबह रोशनी देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच सहारे देती है अरमानों को खयालों कि समझ अरमानों कि कोशिश के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह नजारे देती है लहरों को अल्फाजों कि सुबह तराने देती है अरमानों को खयालों कि सोच अफसाने देती है अल्फाजों को खयालों कि पहचान इशारे देती है अंदाजों को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को नजारों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि तलाश एहसासों कि रोशनी के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह अफसाने देती है दास्तानों को नजारों कि तलाश राहे देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ सहारे देती है कदमों को अरमानों कि कोशिश परख देती है पहचान को किनारों कि समझ अल्फाज देती है किनारों को बदलावों कि सोच सपने देती है अंदाजों को आशाओं कि सरगम कदमों कि सौगात के किनारे कि आस देती है।
राहों को उम्मीदों कि सुबह दास्ताने देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अल्फाजों को जज्बातों कि तलाश अफसाने देती है दिशाओं को जज्बातों कि सोच सरगम देती है आशाओं को आवाजों कि पहचान तराने देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि अहमियत के किनारे कि आस देती है।

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