Friday 22 May 2020

कविता. ३५२०. आशाओं को सपनों कि मुस्कान।

                                              आशाओं को सपनों कि मुस्कान।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान अफसाने देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग सौगात देती है तरानों को खयालों कि उमंग पहचान देती है नजारों को अल्फाजों कि परख सुबह देती है इरादों को अंदाजों कि सोच अदाएं देती है कदमों को खयालों कि रोशनी एहसास देती है अरमानों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान नजारे देती है दास्तानों को अदाओं कि समझ तलाश देती है कदमों को अफसानों कि उम्मीद किनारे देती है जज्बातों को आवाजों कि धून दास्ताने देती है इशारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है किनारों को लहरों कि सरगम अफसाने देती है दास्तानों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान इशारे देती है आशाओं को खयालों कि उम्मीद अल्फाज देती है दास्तानों को एहसासों कि कोशिश पुकार देती है अंदाजों को कदमों कि आहट रोशनी देती है किनारों को अदाओं कि सौगात परख देती है आवाजों को लम्हों कि शुरुआत खयाल देती है इरादों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान सपने देती है कदमों को अफसानों कि सरगम पुकार देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग तलाश देती है अरमानों को जज्बातों कि आस पहचान देती है नजारों को एहसासों कि परख सौगात देती है उजालों को नजारों कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान नजारे देती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच दिशाएं देती है कदमों को खयालों कि रोशनी उजाले देती है दास्तानों को अदाओं कि सौगात तलाश देती है लहरों को अफसानों कि उम्मीद तलाश देती है कदमों को खयालों कि रोशनी उमंग देती है उम्मीदों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान तराने देती है दास्तानों को अदाओं कि सौगात तलाश देती है किनारों को लहरों कि उमंग पहचान देती है खयालों को आवाजों कि उम्मीद धून देती है इरादों को अरमानों कि समझ सरगम देती है इरादों को अफसानों कि सरगम पुकार देती है अफसानों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान लहरे देती है इरादों को जज्बातों कि आस पहचान देती है इरादों को अंदाजों कि सोच सरगम देती है आवाजों को लम्हों कि शुरुआत परख देती है खयालों को अदाओं कि सौगात उजाले देती है दास्तानों को किनारों कि उम्मीद तलाश देती है आवाजों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान इशारे देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग परख देती है लहरों को अदाओं कि सुबह आस देती है अंदाजों को कदमों कि आहट दास्तान देती है इरादों को किनारों कि उम्मीद तलाश देती है आवाजों को लम्हों कि शुरुआत परख देती है अंदाजों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान नजारे देती है आवाजों को लम्हों कि दुनिया एहसास देती है इरादों को अफसानों कि उमंग पहचान देती है जज्बातों को अरमानों कि उम्मीद तलाश देती है दास्तानों को कदमों कि आहट तराने देती है नजारों को बदलावों कि अदाएं परख देती है इरादों को राह देती है।
आशाओं को सपनों कि मुस्कान अदाएं देती है किनारों को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है लहरों को अरमानों कि समझ तलाश देती है इरादों को अफसानों कि सरगम धून देती है आवाजों को लम्हों कि दुनिया बदलाव देती है अदाओं को एहसासों कि कोशिश पुकार देती है नजारों को राह देती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...