Friday 1 May 2020

कविता. ३४७७. हर खयाल को खुशियों कि।

                                                      हर खयाल को खुशियों कि।
हर खयाल को खुशियों कि कोशिश आस देती है एहसासों को सपनों कि पुकार इशारे देती है आशाओं को उम्मीदों कि लहर परख देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सौगात किनारे देती है अरमानों को आवाजों कि पुकार पहचान देती है कदमों को दिशाओं कि लहर परख देती है अदाओं कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि समझ कोशिश देती है नजारों को अफसानों कि परख दास्तान देती है किनारों को आवाजों कि पुकार सरगम देती है तरानों को आवाजों कि धून एहसास देती है बदलावों को नजारों कि सोच मुस्कान देती है उजालों को आशाओं कि किरण रोशनी देती है राहों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि आस रोशनी देती है तरानों को उम्मीदों कि लहर अरमान देती है दिशाओं को जज्बातों कि सौगात किनारे देती है अंदाजों को उजालों कि समझ तलाश देती है कदमों कि आहट परख देती है अल्फाजों को सपनों कि पुकार इशारे देती है अफसानों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि पुकार इशारे देती है आवाजों को तरानों कि सरगम धून देती है उम्मीदों को दिशाओं कि परख अदाएं देती है किनारों को अफसानों कि दास्तान उमंग देती है अल्फाजों को खयालों कि समझ कोशिश देती है जज्बातों को अरमानों कि राह उजाले देती है दास्तानों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि अदाएं सरगम देती है किनारों को खयालों कि समझ दिशाएं देती है मुस्कान को आशाओं कि किरण तराने देती है अल्फाजों को उजालों कि परख दास्तान देती है जज्बातों को दिशाओं कि सरगम धून देती है उजालों को रोशनी कि पहचान सुबह देती है अंदाजों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि परख दास्तान देती है एहसासों को जज्बातों कि समझ कोशिश देती है नजारों को अदाओं कि सोच इशारे देती है कदमों को अरमानों कि पुकार तलाश देती है आवाजों को नजारों कि आहट एहसास देती है उम्मीदों को अंदाजों कि समझ कोशिश देती है तरानों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि पुकार कोशिश देती है नजारों को अफसानों कि सोच इशारे देती है आवाजों को तरानों कि समझ तलाश देती है अरमानों को किनारों कि रोशनी इरादे देती है तरानों को उमंग कि परख दास्तान देती है अल्फाजों को अंदाजों कि सोच सहारे देती है आशाओं कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि आस एहसास देती है उम्मीदों को रोशनी कि पहचान सुबह देती है कदमों को दिशाओं कि लहर परख देती है बदलावों को तरानों कि सोच इशारे देती है आवाजों को अंदाजों कि सरगम धून देती है दास्तानों को अफसानों कि सौगात किनारे देती है अरमानों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि अदाएं सरगम देती है किनारों को अफसानों कि परख दास्तान देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सौगात आस देती है दास्तानों को उम्मीदों कि लहर अरमान देती है बदलावों को तरानों कि कोशिश आहट देती है आशाओं को अदाओं कि पुकार आस देती है किनारों कि सौगात सपने देती है।
हर खयाल को खुशियों कि पुकार कोशिश देती है उजालों को अरमानों कि आस रोशनी देती है कदमों को दिशाओं कि सुबह शुरुआत देती है मुस्कान को जज्बातों कि सरगम धून देती है आवाजों को कदमों कि परख दिशाएं देती है अल्फाजों को किनारों कि रोशनी उजाले देती है दास्तानों कि सौगात सपने देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...