Saturday 9 May 2020

कविता. ३४९४. हर इशारे को कदमों कि।

                                                      हर इशारे को कदमों कि।
हर इशारे को कदमों कि मुस्कान सपने देती है दास्तानों को अदाओं कि पहचान आस देती है आशाओं को खयालों कि रोशनी उजाले देती है किनारों को जज्बातों कि उमंग अरमान देती है अफसानों को दिशाएं तराने देती है आवाजों को सपनों कि सौगात उम्मीद देती है लहरों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि तलाश अल्फाज देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग एहसास देती है अरमानों को सपनों कि सौगात रोशनी देती है आवाजों को सपनों कि सरगम परख देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद राह देती है आशाओं को कदमों कि तलाश अल्फाज देती है बदलावों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि कोशिश धून देती है अरमानों को अल्फाजों कि उम्मीद तलाश देती है खयालों को अदाओं कि सौगात सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि तलाश सहारे देती है आशाओं को जज्बातों कि राह अरमान देती है तरानों को सपनों कि उम्मीद अफसाने देती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि आहट अरमान देती है राहों को अफसानों कि उमंग पहचान देती है अरमानों को आशाओं कि उम्मीद समझ देती है अंदाजों को सपनों कि सौगात रोशनी देती है तरानों को खयालों कि सरगम धून देती है बदलावों को जज्बातों कि राह अहमियत देती है किनारों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि सरगम धून देती है दास्तानों को अदाओं कि तलाश अल्फाज देती है अरमानों को किनारों कि उम्मीद सुबह देती है अंदाजों को खयालों कि उमंग पहचान देती है एहसासों को सपनों कि उमंग पहचान देती है लहरों को आवाजों कि पुकार कोशिश देती है तरानों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि सौगात उजाले देती है मुस्कान को खयालों कि रोशनी पहचान देती है नजारों को सपनों कि उमंग परख देती है आवाजों को लम्हों कि तलाश अरमान देती है दास्तानों को किनारों कि समझ इरादे देती है सपनों को जज्बातों कि तलाश रोशनी देती है दिशाओं को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि उम्मीद दास्तान देती है लहरों को आवाजों कि पुकार कोशिश देती है जज्बातों को आशाओं कि सौगात तलाश देती है तरानों को लम्हों कि सरगम परख देती है तरानों को अरमानों कि उम्मीद राह देती है दास्तानों को अदाओं कि उमंग पहचान देती है किनारे को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि समझ कोशिश देती है इशारों को अल्फाजों कि उमंग पहचान देती है अरमानों को दास्तानों कि पहचान सहारे देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश सरगम देती है दास्तानों को अदाओं कि सौगात उजाले देती है राहों को अफसानों कि उम्मीद परख देती है तरानों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि तलाश अल्फाज देती है अरमानों को किनारों कि उम्मीद तलाश देती है तरानों को खयालों कि रोशनी उजाले देती है आशाओं को सपनों कि उमंग पहचान देती है आशाओं को अरमानों कि उम्मीद उमंग देती है आवाजों को सरगम कि तलाश अल्फाज देती है दास्तानों को अंदाजों कि सोच देती है।
हर इशारे को कदमों कि आहट आस देती है खयालों को अदाओं कि सौगात अरमान देती है किनारों को जज्बातों कि उमंग पहचान देती है तरानों को सुबह कि उम्मीद अहमियत देती है दिशाओं को बदलावों कि तलाश अल्फाज देती है इशारों को अल्फाजों कि सुबह सरगम देती है नजारों को अंदाजों कि सोच देती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...