Tuesday 19 May 2020

कविता. ३५१३. हर अफसाने को सपनों कि।

                                                 हर अफसानों को सपनों कि।
हर अफसाने को सपनों कि सौगात तलाश देती है दास्तानों को अदाओं कि सुबह मुस्कान देती है आशाओं को नजारों कि रोशनी उजाले देती है राहों को अफसानों कि उम्मीद तलाश देती है खयालों को अदाओं कि कोशिश पुकार देती है तरानों को सपनों कि सौगात उमंग देती है इरादों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि उम्मीद तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग पहचान देती है किनारों को लहरों कि सुबह मुस्कान देती है जज्बातों को अरमानों कि समझ सरगम देती है अल्फाजों को कदमों कि आहट सरगम देती है आशाओं को खयालों कि रोशनी तराने देती है दास्तानों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि राह कोशिश देती है कदमों को जज्बातों कि उम्मीद परख देती है आशाओं को अरमानों कि समझ सुबह देती है लहरों को तरानों कि राह अल्फाज देती है दास्तानों को अल्फाज कि उमंग पहचान देती है आवाजों को लम्हों कि तलाश अरमान देती है किनारों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि सरगम धून देती है लहरों को अदाओं कि पहचान पुकार देती है इरादों को आवाजों कि परख सौगात देती है आशाओं को दास्तानों कि उम्मीद तलाश देती है तरानों को अरमानों कि समझ किनारे देती है उजालों को नजारों कि रोशनी अहमियत देती है आशाओं को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है खयालों को आवाजों कि उम्मीद तलाश देती है दास्तानों को अदाओं कि अरमान जज्बात देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है राहों को नजारों कि रोशनी उजाले देती है इरादों को अफसानों कि उमंग परख देती है तरानों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि दास्तान तलाश देती है इरादों को अंदाजों कि सोच दिशाएं देती है कदमों को जज्बातों कि उमंग पहचान देती है किनारों को लहरों कि परख सौगात देती है अल्फाजों को तरानों कि राह पुकार देती है नजारों को बदलावों कि तलाश अरमान देती है दिशाओं को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि उम्मीद अरमान देती है जज्बातों को आवाजों कि धून दास्ताने देती है लहरों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है आशाओं को खयालों कि रोशनी उमंग देती है अंदाजों को कदमों कि आहट सपने देती है किनारों को लहरों कि उम्मीद तराने देती है आवाजों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि सरगम धून देती है नजारों को बदलावों कि उमंग पहचान देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद तलाश देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सौगात देती है किनारों को अरमानों कि उमंग एहसास देती है तरानों को खयालों कि रोशनी उजाले देती है दास्तानों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि राह कोशिश देती है कदमों को जज्बातों कि सरगम धून देती है किनारों को लहरों कि सुबह मुस्कान देती है दिशाओं को बदलावों कि तलाश अल्फाज देती है इरादों को अंदाजों कि सोच दिशाएं देती है किनारों को अरमानों कि उमंग पहचान देती है नजारों को आस देती है।
हर अफसाने को सपनों कि सौगात तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अल्फाज देती है दास्तानों को आशाओं कि सोच सरगम देती है अंदाजों को कदमों कि आहट दास्तान देती है खयालों को अदाओं कि पहचान परख देती है कोशिश को अल्फाजों कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को आस देती है।



No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...