Wednesday 1 July 2020

कविता. ३६०२. आशाओं को जज्बातों कि आस।

                                                 आशाओं को जज्बातों कि आस।
आशाओं को जज्बातों कि आस पहचान देती है किनारों को अंदाजों कि सरगम धून देती है नजारों को अंदाजों कि उम्मीद तलाश देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सौगात देती है अदाओं को आवाजों कि धून सपने देती है दिशाओं को बदलावों कि राह पहचान देती है अफसानों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस कोशिश देती है दास्तानों को लहरों कि परख अल्फाज देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह मुस्कान देती है नजारों को तरानों कि उम्मीद तलाश देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद पहचान देती है अरमानों को लहरों कि सुबह मुस्कान देती है कोशिश को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस तराने देती है अरमानों को आवाजों कि धून तराने देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ दिशाएं देती है अदाओं को सपनों कि पहचान परख देती है इरादों को नजारों कि सोच अरमान देती है अंदाजों को राहों कि आस किनारे देती है अरमानों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस बदलाव देती है किनारों को सपनों कि कोशिश बदलाव देती है इशारों को अल्फाजों कि परख रोशनी देती है तरानों को खयालों कि सोच सरगम देती है लहरों को खयालों कि सौगात उजाले देती है राहों को एहसासों कि सरगम धून देती है नजारों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस लहरे देती है अफसानों को नजारों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को अंदाजों कि सोच दास्तान देती है कोशिश को तलाश कि उम्मीद किनारे देती है इरादों को अरमानों कि परख कोशिश देती है अदाओं को लहरों कि परख सौगात देती है जज्बातों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस दास्तान देती है तरानों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है दास्तानों को अफसानों कि सौगात उमंग देती है इरादों को नजारों कि परख बदलाव देती है किनारों को आशाओं कि कहानी परख देती है अरमानों को तरानों कि राह अफसाने देती है अंदाजों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस लहर देती है किनारों को आवाजों कि धून तलाश देती है अफसानों को लम्हों कि उम्मीद तराने देती है दास्तानों को कोशिश कि सरगम धून देती है नजारों को अंदाजों कि राह कोशिश देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग पहचान देती है आवाजों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस कोशिश देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है किनारों को लहरों कि उमंग पहचान देती है अंदाजों को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है इशारों को अल्फाजों कि राह रोशनी देती है खयालों को सपनों कि सोच दिशाएं देती है कदमों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस समझ देती है अरमानों को लम्हों कि उमंग पहचान देती है इरादों को कदमों कि राह अफसाने देती है अदाओं को दिशाओं कि सौगात तराने देती है नजारों को अंदाजों कि समझ तराने देती है आशाओं को तरानों कि उम्मीद लहरे देती है अल्फाजों को पुकार देती है।
आशाओं को जज्बातों कि आस पहचान देती है नजारों को राहों कि सोच सरगम देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद तलाश देती है जज्बातों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है इरादों को अदाओं कि राह अरमान देती है एहसासों को अल्फाजों कि सौगात रोशनी देती है इशारों को पुकार देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...