Monday 20 July 2020

कविता. ३६३९. किनारों को आशाओं कि उम्मीद।

                                           किनारों को आशाओं कि उम्मीद।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तराने देती है लहरों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है इरादों को अरमानों कि उमंग परख देती है इरादों को सपनों कि तलाश अल्फाज देती है कदमों को खयालों कि सोच सरगम देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है जज्बातों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है उजालों को नजारों कि कहानी परख देती है आवाजों को लम्हों कि कोशिश पुकार देती है कदमों को खयालों कि उम्मीद दास्तान देती है तरानों को एहसासों कि कहानी परख देती है आशाओं को रोशनी कि सौगात सरगम देती है इशारों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद जज्बात देती है उम्मीदों को सौगात कि सुबह मुस्कान देती है दास्तानों को अफसानों कि कहानी परख देती है लहरों को अदाओं कि उमंग तलाश देती है इरादों को सपनों कि राह अरमान देती है कोशिश को तरानों कि आस अफसाने देती है नजारों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तराने देती है इरादों को अरमानों कि समझ अफसाने देती है इशारों को अल्फाजों कि उमंग पहचान देती है जज्बातों को आवाजों कि धून तराने देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दिशाओं को बदलावों कि राह रोशनी देती है लहरों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद उजाले देती है अंदाजों को कोशिश कि सरगम धून देती है इरादों को अरमानों कि तलाश अल्फाज देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को अफसानों कि कहानी परख देती है खयालों को अंदाजों कि राह अफसाने देती है अदाओं कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है जज्बातों को अरमानों कि परख सपने देती है कदमों को अंदाजों कि राह अफसाने देती है रोशनी को अल्फाजों कि पुकार कोशिश देती है अंदाजों को लहरों कि सुबह मुस्कान देती है उजालों को सपनों कि उम्मीद तराने देती है एहसासों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद दिशाएं देती है रोशनी को अल्फाजों कि उमंग पुकार देती है अरमानों को कोशिश कि लहर तराने देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है आशाओं को अंदाजों कि राह अफसाने देती है जज्बातों को तरानों कि आस पहचान देती है कदमों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तराने देती है नजारों को अफसानों कि सुबह आस देती है आवाजों को पुकार कि सरगम धून देती है लहरों को अरमानों कि समझ पहचान देती है कदमों को खयालों कि सौगात तलाश देती है इशारों को अल्फाजों कि परख कोशिश देती है दिशाओं कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग पहचान देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है जज्बातों को सपनों कि राह रोशनी देती है इरादों को पुकार कि कहानी पुकार देती है अरमानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है राहों कि सोच देती है।
किनारों को आशाओं कि उम्मीद उमंग देती है इरादों को अरमानों कि सरगम धून देती है लहरों को तरानों कि पहचान आस देती है दास्तानों को आशाओं कि रोशनी उजाले देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है इशारों कि सोच देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...