Friday 31 July 2020

कविता. ३६६२. इशारों को अल्फाजों कि परख।

                                                                         इशारों को अल्फाजों कि परख।
इशारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है लहरों को किनारों कि कहानी पुकार देती है कदमों को खयालों कि सौगात उजाले देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है बदलावों को अदाओं कि पहचान सहारे देती है आवाजों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख आस देती है तरानों को अरमानों कि उमंग पहचान देती है नजारों को अरमानों कि समझ सपने देती है किनारों को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह मुस्कान देती है आशाओं को खयालों कि सोच दिशाएं देती है किनारों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख अदाएं देती है राहों को एहसासों कि कोशिश पुकार देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी सहारे देती है दास्तानों को जज्बातों कि उम्मीद तराने देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग पुकार देती है नजारों को अफसानों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है खयालों को किनारों कि उम्मीद तलाश देती है आशाओं को सपनों कि सुबह आस देती है आवाजों को अदाओं कि कोशिश धून देती है इरादों को अंदाजों कि उम्मीद तलाश देती है अंदाजों को राहों कि समझ अरमान देती है जज्बातों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख किनारे देती है लहरों को अफसानों कि सुबह आस देती है इरादों को अरमानों कि उम्मीद तलाश देती है आशाओं को दास्तानों कि उमंग पुकार देती है कदमों को उजालों कि राह अल्फाज देती है तरानों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है तरानों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख आस देती है एहसासों को सपनों कि उमंग पुकार देती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है किनारों को लहरों कि उम्मीद तराने देती है आशाओं को दास्तानों कि उमंग पहचान देती है रोशनी को नजारों कि समझ आस देती है लहरों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख बदलाव देती है दास्तानों को आशाओं कि सोच एहसास देती है आवाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अंदाजों को कोशिश कि लहर तराने देती है इरादों को अरमानों कि उम्मीद तलाश देती है अरमानों को कदमों कि आस पहचान देती है जज्बातों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है आशाओं को दास्तानों कि उमंग किनारे देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है लहरों को तरानों कि राह अफसाने देती है नजारों को दिशाओं कि उमंग खयाल देती है अरमानों को आवाजों कि धून तराने देती है आशाओं को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख कोशिश देती है लहरों को अफसानों कि सुबह आस देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है नजारों को अरमानों कि समझ किनारे देती है इरादों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को खयालों कि कोशिश पुकार देती है नजारों को लम्हों कि सरगम देती है।
इशारों को अल्फाजों कि परख किनारे देती है अदाओं को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है खयालों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है तरानों को सपनों कि आस पहचान देती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात राह देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है लहरों को लम्हों कि सरगम देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...